दिल्ली कोर्ट समाचार: दिल्ली के द्वारका कोर्ट में एक गंभीर घटना ने न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को चुनौती दी है। चेक बाउंस के मामले में दोषी ठहराए गए राज सिंह ने न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला को कोर्ट में अपशब्द कहे और जान से मारने की धमकी दी। उसने चिल्लाते हुए कहा, 'तू है क्या चीज... बाहर मिलकर देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है।' इस घटना में राज सिंह के वकील अतुल कुमार ने भी जज पर दबाव डालने की कोशिश की और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने की धमकी दी। यह घटना 2 अप्रैल 2025 को हुई, जिसने कोर्ट की अवमानना और न्यायिक तंत्र की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
द्वारका कोर्ट की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (NI एक्ट) शिवांगी मंगला M/s Vintage Credit and Leasing Pvt.
राज सिंह ने धमकी दी, 'तू है क्या चीज... बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है.' उसने अपने वकील अतुल कुमार से कहा, 'कुछ भी करो, फैसला अपने पक्ष में कराओ.' वकील अतुल कुमार ने भी जज पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की और उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करने की धमकी दी। कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और अवमानना माना.
धमकियों और उत्पीड़न के बावजूद, जज शिवांगी मंगला ने साहस और दृढ़ता का परिचय दिया। अपने आदेश में उन्होंने लिखा, 'मैं सभी बाधाओं और धमकियों के बावजूद न्याय के पक्ष में आवश्यक कार्य करती रहूंगी।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली में दोषी और उसके वकील के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी। जज ने वकील अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें पूछा गया कि उनके अनुचित व्यवहार और कोर्ट की अवमानना के लिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए. वकील को अगली सुनवाई में लिखित जवाब देने का निर्देश दिया गया है.
जज शिवांगी मंगला ने अपने आदेश में कहा कि राज सिंह के धमकी देने और उत्पीड़न के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में औपचारिक शिकायत दर्ज की जाएगी। यह कदम न केवल इस घटना के खिलाफ कार्रवाई के लिए बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है.