Maharana Pratap Jayanti 2025 Wishes In Hindi: हर साल महाराणा प्रताप जयंती भारत के महान योद्धा, मेवाड़ के शौर्य और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप सिंह की स्मृति में मनाई जाती है. महाराणा प्रताप का जन्म जूलियन कैलेंडर के अनुसार 9 मई 1540 को हुआ था, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में 19 मई 1540 के रूप में समायोजित किया गया है. हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल 485वीं महाराणा प्रताप जयंती 9 मई 2025, दिन शुक्रवार यानी कल मनाई जाएगी. इस दिन पूरे भारतवर्ष में लोग श्रद्धा और सम्मान के साथ महाराणा प्रताप सिंह को याद करने के साथ ही श्रद्धांजलि देते हैं और उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेते हैं. वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस गौरवशाली दिवस पर महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं भी साझा करते हैं. इसलिए आज के इस स्टोरी में हम महाराणा प्रताप जयंती 2025 की शुभकामनाएं देने के लिए फोटो और मैसेज शेयर करने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं.
1-वीरता की गाथा है, मेवाड़ की धरती,
जहां जन्मे थे प्रताप, वीर पुरुष महान.
हल्दीघाटी में जंग, जिसका इतिहास गौरवमय,
मुगलों से लड़े, हार नहीं मानी कभी.
2-जिसके इरादों को झुका न सका कोई सम्राट,
ऐसे महाराणा प्रताप को सदा हमारा प्रणाम.
त्याग और बलिदान की जो मिसाल बन गया,
वो मेवाड़ का सूरज अमर नाम बन गया.
3-वीर योद्धा महाराणा प्रताप, जिनकी वीरता है अथाह.
चेतक घोड़ा रहा साथी, लड़े मिलकर युद्ध का मैदान.
4-शेरों की धरती, वीरों की गाथा,
हल्दीघाटी का रण था इतिहास की परिभाषा.
प्रताप ने जो लड़ा वो युद्ध नहीं था केवल,
वो था स्वाभिमान का ज्वालामुखी पल-पल.
5-स्वाभिमान की रक्षा, धर्म की रक्षा, हर पल रहा उनका ध्यान.
वीरता और शौर्य की प्रतिमा, महाराणा प्रताप का नाम.
Maharana Pratap Jayanti /Credit/x.com/KumariDiya
6-ना स्वर्ण सिंहासन चाहिए, ना विलासिता का द्वार,
मातृभूमि की रक्षा ही था उनका एकमात्र विचार.
महाराणा प्रताप, जो मिटा न सके हजारों तूफान,
आज भी चमकता है उनका गौरवशाली नाम.
7-आज जयंती है वीर की, आओ मिलकर करें नमन.
उनके आदर्शों पर चलें, बनें हम भी सच्चे देशभक्त.
8-वीर पुरुष महाराणा प्रताप, आपकी जयंती पर वंदन.
आपकी वीरता रहे सदैव, हमारे लिए प्रेरणा स्रोत.
9-रणभूमि में जिस राणा ने धैर्य और साहस दिखाया,
दुश्मनों को उनके ही मैदान में पछाड़ आया.
ऐसे प्रताप को, जो ना झुका, ना रुका,
हजारों सलाम, लाखों नमन हर दिशा से.
10-चेतक पर चढ़ जिसने, भाला से दुश्मन संघारे थे,
मातृभूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे.
Maharana Pratap Jayanti /Credit/x.com/my_rajasthan
11-भारत मां का ये वीर सपूत, हर हिंदुस्तानी को प्यारा है,
महराणा प्रताप जी के चरणों में, शत-शत नमन हामारा है.
12-राणा की हुंकार में वो आग थी,
जिससे दुश्मन की सेना भी भागी थी.
धन्य है वो भूमि, जहां प्रताप ने जन्म लिया,
वीरता और स्वाभिमान का सच्चा प्रतीक बना दिया.
13-आगे नदिया पड़ी अपार घोड़ा कैसे उतरे उस पार,
राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार.
14-जंगल-जंगल भटके पर झुके नहीं,
भूख सही, तप किया, पर रुके नहीं.
देशप्रेम का जो पाठ पढ़ाया,
राणा प्रताप ने भारत को जगाया.
15-जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्मन टोली डोल गयी,
फीकी पड़ी दहाड़ शेर की, जब-जब तुने हुंकार भरी.
Maharana Pratap Jayanti /Credit/x.com/LawstreetJ
16-ना साज था, ना ताज था,
केवल हौसले का राज था.
चेतक के साथ जिसने इतिहास रचा,
राणा प्रताप जैसा वीर कहां दोबारा बचा?
17-जिसकी तलवार की छलक से दुश्मन का दिल घबराता था,
वो अजर-अम्र वो शूरवीर तो महाराणा प्रताप कहलाता था.
18-जिसने कभी बादशाहों की सलामी नहीं ली,
अपना स्वाभिमान किसी से भी नहीं छीनी.
माटी की खातिर जिसने महलों को ठुकराया,
ऐसे प्रताप को हर युग ने सर माथे लगाया.
19-वीर प्रताप की गाथा, जलते दीप सा प्रकाश,
हर दिल में जगाता है देशप्रेम का विश्वास.
हल्दीघाटी की धूल आज भी गर्व से कहती है,
मेवाड़ के राणा जैसा कोई और नहीं दिखती है.
20- कभी घोड़ा बना उसका पहाड़ों का साथी,
कभी तलवार बनी न्याय की प्रहरी.
महाराणा प्रताप का नाम ही काफी है,
दुश्मनों के हौसले पस्त करने वाली छापी है.
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