उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क महानगरों की तुलना में छोटे शहरों में सड़क हादसे और मरने वालों की संख्या अधिक बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त द्वारा जारी आंकड़ों में महोबा, ललितपुर, श्रावस्ती, चित्रकूट मुरादाबाद जनपद मृतकों की संख्या में 200 फीसदी तक बढ़ गई है. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में 4569 सड़क हादसों में 2408 लोगों को जान गंवानी पड़ी है.
उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त द्वारा 2023—2024 का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया गया है. जिसमें 2023 की तुलना में 2024 में प्रदेश स्तर पर सड़क हादसों की 09 फीसदी, मृतकों की संख्या पांच, घायलों की संख्या 20 फीसदी बढ़ी है. जिसमें मृतकों की संख्या महोबा, ललितपुर, श्रावस्ती, चित्रकूट मुरादाबाद में 200 फीसदी तक बढ़ गई है. वहीं गाजीपुर, खीरी, फतेहगढ़, कन्नौज, हाथरस, गोंडा, शामली में 60 से 85 फीसदी तक मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है. महोबा में सड़क हादसों में 33, मृतकों की संख्या में 220 फीसदी की वृद्धि है. ललितपुर में हादसे 55, मृतकों की संख्या 220 फीसदी तक बढ़ी है. दूसरी ओर कुछ जनपदों ने दुर्घटनाओं में कमी लाने का शानदार प्रदर्शन किया है. मीरजापुर ने 36, बलरामपुर ने 26.3, बहराइच ने 25, जालौन ने 24.4, अमरोहा जनपद ने 25 फीसदी तक हादसों को कम करने में सफलता पाई है.
रोड इंजीनियरिंग सुधारने पर जोर
परिवहन आयुक्त द्वारा जारी रिपोर्ट में रोड इंजीनियरिंग, रैपिड रिस्पॉन्स, गोल्डेन आवर को बेहतर करने का सुझाव दिया गया है. ट्रैक सोसायटी एनजीओ फॉर सेफ्टी के सलाहकार अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शार्प टर्न, हैवी कर्व, अवैध कट हादसों का बड़ा कारण है. अलीगढ़— मुरादाबाद हाइवे पर जवां के पास हैवी कर्व है. जिसका सुझाव मेरे द्वारा प्रशासन को दिया गया था. अलीगढ़ से मुरादाबाद की ओर से जाने पर 90 डिग्री का कर्व है. जिसे सुधारा जाना चाहिए था. डिवाइडर, फूटपाथ भी हादसों के कारणों में शामिल हैं. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जो भी निर्देश दिए जाते हैं. उनका पालन आवश्यक है. साथ ही पूर्व में लिए निर्णयों को भी देखना जरूरी है.
छोटे शहरों में लोग ट्रैफिक नियमों के प्रति सजग नहीं है. अवैध कट, रॉन्ग साइड से वाहन अधिक संख्या में चलाते हैं. जिससे दुर्घटना की संख्या में इजाफा होता है. सडक हादसों मे कमी लाने को प्रयास जारी हैं. अलीगढ़ में दो फीसदी हादसों और मृतकों की संख्या में सात फीसदी की कमी आई है.
प्रवेश कुमार, एआरटीओ प्रशासन
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क