भिंड, मध्य प्रदेश – जब आमतौर पर नई नवेली दुल्हन विदाई के बाद अपने ससुराल जाती है, उस समय एक ऐसी अनोखी घटना सामने आई जिसने न सिर्फ स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को चौंका दिया बल्कि यह मिसाल बन गई देशभर की बेटियों के लिए।
19 वर्षीय कृष्णा जारोलिया, जो हाल ही में उत्तर प्रदेश के अजय सोनेलाल के पूरा गांव में ब्याही गईं, अपनी शादी के अगले ही दिन कक्षा 12वीं की राजनीति शास्त्र की बोर्ड परीक्षा देने शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल, उमरी में दुल्हन के लिबास में ही पहुंच गईं।
शादी के तुरंत बाद परीक्षा – दुल्हन का हौसला देख हर कोई रह गया दंग22 मार्च को शादी, 23 को टीका और 24 को विदाई—हर रस्म पूरी कर चुकीं कृष्णा ने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पढ़ाई को प्राथमिकता दी। उन्होंने शादी के पूरे रीति-रिवाजों के बीच भी परीक्षा देने की प्रतिबद्धता नहीं छोड़ी।
जब वे हाथों में मेहंदी, चूड़ियां, लाल जोड़े और सजी-धजी दुल्हन के रूप में परीक्षा देने पहुंचीं, तो स्कूल के स्टाफ और बाकी छात्र उन्हें देखकर अचंभित रह गए।
पति और ससुराल पक्ष का मिला पूरा साथकृष्णा ने बताया कि जब उन्हें परीक्षा की स्कीम मिली और पता चला कि उनकी शादी के ठीक अगले दिन बोर्ड परीक्षा है, तो उन्होंने तुरंत यह बात ससुराल पक्ष और होने वाले पति अजय को बताई।
अजय ने न सिर्फ उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी, बल्कि खुद उनके साथ परीक्षा केंद्र तक पहुंचे और अपने समर्थन से उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया।
कृष्णा ने कहा – “मैंने यह कभी नहीं सोचा कि शादी मेरी पढ़ाई में रुकावट बनेगी। मेरे पति ने मेरा साथ दिया और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
संकल्प और समर्पण की मिसाल बनी कृष्णायह घटना समाज के लिए एक गहरा संदेश देती है—शादी जीवन का अंत नहीं, एक नई शुरुआत है, और अगर परिवार का साथ हो तो लड़की कुछ भी कर सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अगर परिवार सहयोग करे, तो लड़कियाँ ना केवल अपने सपनों को साकार कर सकती हैं, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन सकती हैं।
कृष्णा जारोलिया जैसी बेटियां ही असली बदलाव लाती हैं—जो दुल्हन बनकर भी कलम और किताब से रिश्ता नहीं तोड़तीं।