भारत में संपत्ति को लेकर विवाद अक्सर देखने को मिलते हैं। स्पष्ट कानूनों की कमी के कारण, कोर्टों में संपत्ति बंटवारे से संबंधित हजारों मामले लम्बित हैं।
एक सामान्य प्रश्न यह है कि क्या दादा की संपत्ति में पोते का अधिकार होता है। आइए, इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं।
वसीयत ना हो तो ऐसे होगा बंटवारा
विशेषज्ञों के अनुसार, दादा की संपत्ति में पोते का सीधा अधिकार नहीं होता। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई वसीयत नहीं है, तो पहले अधिकार उसके बेटे और बेटी का होता है। यदि उनके भी निधन हो जाता है, तो संपत्ति पोते या पोती को मिल जाती है।
इसके लिए, SDM कोर्ट में एक आवेदन देना आवश्यक है। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद, संपत्ति का बंटवारा किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में पारिवारिक बंटवारे के प्रावधानों के तहत यह प्रक्रिया की जा सकती है।
दादा की संपत्ति पर पोते का हक
दादा की संपत्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यदि कोई बच्चा अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करता या उनकी देखभाल नहीं करता है, तो माता-पिता उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं।
हालांकि, यह केवल उनकी स्व अर्जित संपत्ति पर लागू होता है। दादा या अन्य पूर्वजों की संपत्ति से पोते को बेदखल नहीं किया जा सकता है, और पुश्तैनी संपत्ति पर उसका अधिकार बना रहेगा।