कोलकाता, 11 अप्रैल .
पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी कानूनी सफलता मिली है. वर्ष 2022 में गांजा तस्करी के एक बड़े मामले में बर्दवान एनडीपीएस कोर्ट ने पांच आरोपितों को दोषी करार देते हुए 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक आरोपित पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है.
एसटीएफ के एसपी आईपीएस इंद्रजीत बसु ने शुक्रवार शाम इस फैसले की जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 30 जनवरी 2022 को एक गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने सब-इंस्पेक्टर सोहम बसु के नेतृत्व में पूर्वस्थली थाना क्षेत्र के एसटीकेके रोड स्थित सुलुंटु मस्जिद मोड़ के पास एक ट्रक पर छापेमारी की थी. मुख्य आरोपित हरेकृष्ण बाला उर्फ मरण बाला और उसके बेटे शुभंकर बाला के निशानदेही पर एक छह चक्का ट्रक (रजिस्ट्रेशन नंबर NL 07A 5986) की तलाशी ली गई थी. बीडीओ पूर्वस्थली-II की उपस्थिति में वाहन के एक छिपे हुए कक्ष से 824.200 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया था.
उसी ट्रक से तीन अन्य तस्करों – खंबीर सिंह, बुंगबा सिंह और मोतीलाल सिंह –को भी गिरफ्तार किया गया था. सभी आरोपितों को कानूनी प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया और सब-इंस्पेक्टर सोहम बसु की लिखित शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 20b(ii)(C)/25/28/29 के तहत पूर्वस्थली थाने में केस नंबर 30/22 दर्ज किया गया.
मामले की जांच एसटीएफ के एसआई शुभमय घोष ने की और विधिसम्मत चार्जशीट अदालत में दाखिल की. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट अरिंदम मुखर्जी को नियुक्त किया गया था.
अब एनडीपीएस कोर्ट बर्दवान के न्यायाधीश मनोज कुमार राय ने पांचों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 10 साल की सश्रम सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
/ ओम पराशर